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ORGANIZATION DETAILS •
NAME - P Shobhanath Tiwari JanKalyan Sewa Sansthan (Organization)
REGISTRATION NO. - 45/2021
REG. OFFICE - Kotari, Hetapatti, Phoolpur Prayagraj Uttar Pradesh, Pin- 221507
REGISTRATION DATE - 25/MAR/2021
FOUNDER & PRESIDENT - Mr. Shatrunjay Tiwari
उद्देश्य
संगठन एक ऐसे भारत के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है, जो सुदृढ़, समृद्ध एवं स्वावलंबी राष्ट्र हो। जिसका दृष्टिकोण आधुनिक प्रगतिशील एवं प्रबुद्ध हो और जो अपनी प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों से सगर्व प्रेरणा ग्रहण करता हो तथा न्याययुक्त अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को स्थापित करने के लिए देश के सभी राज्यों में अपनी प्रभावशाली भूमिका का निर्वहन कर सके।
पं० शोभानाथ तिवारी जनकल्याण सेवा संस्थान (संगठन) एक पारिवारिक व सामाजिक संगठन है जो भारत सरकार के नियमों व अधिनियम के अनुसार पंजीकृत संस्थान (संगठन) है।
• पं० शोभानाथ तिवारी जनकल्याण सेवा संस्थान (संगठन) एक राष्ट्रीय, गैर-लाभकारी संस्थान (संगठन) है जो स्थानीय, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रूप से सभी जनमानस के लिए और उनके अधिकारों के ज्ञान और संरक्षण के लिए बना है।
• गरीब, असहाय जनसमूहों को उनके अधिकारों से लाभान्वित कराना।
• समाज के आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षिक विकास हेतु संस्थाओं की स्थापना एवं संचालन से संबंधित कार्यों को सम्पन्न करना। समाज के प्रत्येक वर्ग के युवक-युवतियों को उचित शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार की तरफ प्रेरित करने एवं उनमें आत्मविश्वास उत्पन्न करने के लिए संस्थागत रूप से आवश्यक कार्यों को करने और इस हेतु संसाधनों की व्यवस्था कर जनसामान्य के सामाजिक उन्नयन शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण सुरक्षा एवं सामाजिक कार्य के क्षेत्र में विभिन्न कार्यों को सम्पन्न कराना।
• शिक्षा से वंचित जनसामान्य को कम खर्च में शिक्षा दिलाना।
• स्कूलों, कॉलेजों आदि की स्थापना करना एवं उनका संचालन करवाना।
• प्रतियोगी छात्र-छात्राओं को उचित कोचिंग संस्थानों की व्यवस्था कराना।
• युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलवाना।
• कम्प्यूटरीकृत क्षेत्रों से लोगों को परिचित कराना और सहायता करना।
• रक्तदान शिविरों का संचालन करवाना।
• परामर्श केन्द्रों की स्थापना करवाना।
• खेलकूद से संबंधित व्यवस्थाओं को उपलब्धा करवाना।
• मनोरोगी की सहायता करना।
• पर्यावरण की रक्षा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए लोगों को जागृत करना।
• महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
• आजीविका और आपदा राहत और प्रतिक्रिया एवं अन्य संगठन या संघ के साथ जनहित एवं सामाजिक कार्य को सम्पन्न करने हेतु देश के नागरिक को जागृत करना एवं सामाजिक कार्य के लिए प्रेरित करना।
उपरोक्त दिए हुए सभी सामाजिक कार्यों एवं सामाजिक कार्यक्रम देश के सभी प्रदेश, विभाग, जिलों तथा हर एक गांव और मोहल्ले तक पहुंचाने हेतु हम सदा सक्रिय रहेंगे।
प्रादेशिक कार्यों को सम्पन्न करवाने की विधि :
प्रदेश स्तर, विभाग स्तर या जिला स्तर पर कोई भी सामाजिक कार्यक्रम, कार्यक्रम का उद्देश्य, कार्यक्रम का विस्तृत विवरण, कार्यक्रम की तारीख, समय और जगह राष्ट्रीय समिति को 10 दिन पूर्व ही सूचित करना होगा।
प्रदेश कार्यकारिणी प्रदेश में होने वाले सभी सामाजिक कार्यक्रम या अभियानों का संचालन करेगी।
मूल दर्शन :
"सत्य, प्रेम, करूणा, नरसेवा-नारायण सेवा" संगठन का मूल दर्शन होगा।
निष्ठाएं :
राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकात्मता, लोकतंत्र, सामाजिक आर्थिक विषयों पर गाँधीवादी दृष्टिकोण, जिससे शोषणमुक्त एवं समतायुक्त समाज की स्थापना हो सके और सकारात्मक पंथनिरपेक्षता अर्थात सर्वधर्मसम्भाव से सामाजिक कार्यों में संगठन विश्वास रखता है।
राष्ट्रीय परिषद् एवं कार्य :
राष्ट्रीय परिषद्, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा गठित एक 7 सदस्यीय टीम होगी जिसका संयोजक/अध्यक्ष, राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं ही होगा और राष्ट्रीय संगठन मंत्री परिषद् का उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख होगा एवं बाकी के 5 सदस्य उसको संरक्षण प्रदान करेंगें।
• राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्णय के बाद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुपस्थिति में राष्ट्रीय परिषद् का ही निर्णय सर्वमान्य होगा बिना कोई हस्तक्षेप के।
• राष्ट्रीय परिषद् के पास अपने 7 सदस्यों के पूर्ण बहुमत से समस्त अधिसूचना जारी करने का अधिकार निहित होगा।
• संगठन के समस्त कार्यों की समीक्षा करने का पूर्ण अधिकार राष्ट्रीय परिषद् के पास होगा।
• संगठन में पदाधिकारियों/सदस्यों की नियुक्ति से लेकर पदमुक्ति/निकालने की समस्त शक्तियां राष्ट्रीय परिषद् के पास निहित होगी।
• राष्ट्रीय परिषद् के उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख का कार्यकाल उसके राष्ट्रीय संगठन मंत्री के पद पर बने रहने तक अथवा राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रसादपर्यन्त तक ही होगा।
• राष्ट्रीय संगठन मंत्री का पद जाने से वह (राष्ट्रीय संगठन मंत्री) राष्ट्रीय परिषद् के उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख पद से भी स्वत: ही मुक्त हो जाएगा।
• बाकी के 5 सदस्यों का कार्यकाल 6-6 माह का होगा। 6 माह के बाद इसमें आवश्यकता पड़ने पर बदलाव किया जाएगा अथवा बदलाव न किए जाने की स्थिति में पुन: उन्हीं 5 सदस्यों के नामों पर राष्ट्रीय परिषद् के संयोजक/अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद् के उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख की मुहर लग जाएगी दूसरे कार्यकाल के लिए।
Whatsapp Group संबंधित अधिसूचना :
• संगठन के सभी Official Whatsapp Group केन्द्रीय कार्यालय के नम्बर से ही बनाए जाएंगे, अन्य नम्बरों से बने Whatsapp Group मान्य नहीं होंगे।
• जो भी Official Whatsapp Group बनेंगे उसमें केवल 3 पदाधिकारी (मुख्य राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय संगठन मंत्री व केन्द्रीय कार्यालय नम्बर) ही Admin Pannel पर होंगे बाकी के पदाधिकारियों की Admin Pannel पर अनुमति नहीं होगी।
• किसी भी नये सदस्य/पदाधिकारी को ग्रुप में जोड़ने के लिए केन्द्रीय कार्यालय के नम्बर पर उस नये सदस्य/पदाधिकारी का Whatsapp Number भेजना होगा, जिससे कि उस नये सदस्य/पदाधिकारी को केन्द्रीय कार्यालय के नम्बर से Whatsapp Group में Add किया जा सके।
• जो भी Whatsapp Group संगठन के केन्द्रीय नम्बर से नहीं बनें होंगे उस Whatsapp Group के Creator के ऊपर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी पद एवं कार्य :
राष्ट्रीय अध्यक्ष - संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष व संस्थापक महोदय राष्ट्रीय संगठन मंत्री की नियुक्ति करेंगें एवं समस्त अधिवेशनों व मीटिंग प्वाइंट्स की अध्यक्षता करेंगें।
संगठन की समस्त शक्तियां राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास निहित होगी एवं आवश्यकता पड़ने पर उन शक्तियों को प्रयोग करने की स्वतंत्रता है।
आवश्यकता पड़ने पर विशेष अधिवेशन या मीटिंग को बुलाना एवं उसकी अध्यक्षता व संचालन करना।
Note : केवल संस्थापक व मुख्य राष्ट्रीय अध्यक्ष की ये कार्यप्रणाली होगी। अन्य मोर्चों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, मुख्य राष्ट्रीय संगठन मंत्री व मुख्यालय प्रभारी के निर्देशन/मार्गदर्शन पर अपने मोर्चे का संचालन करेंगें।
राष्ट्रीय संयोजक - समस्त कार्यकारिणी को संरक्षण प्रदान करना एवं संगठन के कार्यविस्तार में सहयोग करना।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - संगठन द्वारा दिए गए कार्यक्षेत्रों की समीक्षा करके राष्ट्रीय परिषद् (कार्यालय) को रिपोर्ट देना एवं उस कार्यक्षेत्र का विस्तार करवाना।
राष्ट्रीय संगठन मंत्री - संगठन में शेष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की नियुक्ति एवं प्रदेश कार्यकारिणी की नियुक्ति राष्ट्रीय संगठन मंत्री ही करेंगे एवं राष्ट्रीय संगठन मंत्री के पास ही मुख्यालय प्रभारी का दायित्व होगा एवं वह राष्ट्रीय परिषद् (कार्यालय) का प्रमुख होगा। संगठन से सम्बन्धित सभी अधिसूचना को जारी करना व संगठन के समस्त कार्यों की विवेचना व समीक्षा करना।
Note : आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्रीय अध्यक्ष की लिखित अनुमति से राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रदेश कार्यकारिणी की विशेष मीटिंग बुलाना एवं उसकी अध्यक्षता करना।
राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री - राष्ट्रीय संगठन मंत्री के कार्यों में सहयोग करना व उनके द्वारा सुझाए गए कार्यों का अनुसरण करना एवं संगठन के कार्यविस्तार में सहयोग करना।
राष्ट्रीय महासचिव - संगठन को आन्तरिक मजबूती प्रदान करना, समस्त मीटिंगों का आयोजन करवाना एवं अधिसूचना जारी करना।
राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सुझाए गए कार्यों की विवेचना करना व संगठन के कार्यविस्तार को गति प्रदान करना एवं राष्ट्रीय परिषद् के आदेशों का पालन करना।
संगठन के कार्यविस्तार से सम्बन्धित अनुशंसाओं की शक्तियां राष्ट्रीय महासचिव में निहित होंगी।
राष्ट्रीय सचिव - संगठन द्वारा दिए गए कार्यक्षेत्रों का विस्तार करना एवं राष्ट्रीय परिषद् के आदेशों का पालन करना।
राष्ट्रीय प्रवक्ता - संगठन के प्रति मीडिया से रूबरू होना तथा संगठन के विचारों, वाक एवं अभिव्यक्तियों को समस्त मीडिया पैनल पर रखना।
राष्ट्रीय संगठन विस्तारक - संगठन के कार्यविस्तार से सम्बन्धित गतिविधियों को संचालित करना।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी - संगठन के समस्त कार्य गतिविधियों को मीडिया पैनल तक पहुंचाना व प्रकाशन करवाना एवं संगठन के कार्यविस्तार में सहयोग करना। साथ ही साथ राष्ट्रीय परिषद् के आदेशों का पालन करना।
राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रभारी - संगठन के द्वारा मिले कार्यों को एवं राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी द्वारा दिए गए कार्यों पर विवेचना करना व उस पर अपनी गतिविधियों को देना।
राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष - संगठन के कोष से संबंधित सभी शक्तियां राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के पास निहित होंगी।
राष्ट्रीय सलाहकार (कानूनी) - संगठन को समस्त कानूनी सलाह प्रदान करना व संगठन को कानूनी संरक्षण प्रदान करना।
Note- संगठन में नए पदों एवं उनकी संख्याओं में गठन/बदलाव करने का अधिकार राष्ट्रीय परिषद् के पास निहित है।
संगठन के प्रकोष्ठ :
• मुख्य प्रकोष्ठ (Main Wings)
• महिला प्रकोष्ठ (Women Wings)
• युवा प्रकोष्ठ (Youth Wings)
• सांस्कृतिक प्रकोष्ठ (Cultural Wings)
• अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ (Minority Wings)
• पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ (Backward Wings)
Note- आवश्यक पड़ने पर और भी क्षेत्रों में प्रकोष्ठों का निर्माण किया जा सकता है, जिसका सम्पर्क अधिकार राष्ट्रीय परिषद् के पास निहित है।
संगठनात्मक ढांचा :
1. राष्ट्रीय स्तर -
• संगठन का पूर्ण या विशेष अधिवेशन (मीटिंग प्वाइंट्स)
• राष्ट्रीय परिषद् (कार्यालय)
• राष्ट्रीय कार्यकारिणी
पद सूची ~
• राष्ट्रीय अध्यक्ष - 1
• राष्ट्रीय संयोजक -1
• राष्ट्रीय उपाध्यक्ष - 4
• राष्ट्रीय संगठन मंत्री - 1
• राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री - 4
• राष्ट्रीय महासचिव - 1
• राष्ट्रीय सचिव - 4
• राष्ट्रीय प्रवक्ता - 4
• राष्ट्रीय संगठन विस्तारक - 1
• राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी - 4
• राष्ट्रीय सह-मीडिया प्रभारी - 8
• राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष - 2
• राष्ट्रीय सलाहकार (कानूनी) - 1
2. राष्ट्रीय क्षेत्रीय स्तर -
• पूर्व क्षेत्र (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम)
• पश्चिम क्षेत्र (गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य-प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़)
• उत्तर क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर)
• दक्षिण क्षेत्र (कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु)
पद सूची ~
हर क्षेत्र में केवल 1 ही अध्यक्ष होगा जो उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा एवं राष्ट्रीय परिषद् के प्रति उत्तरदायी होगा।
3. प्रदेश स्तर -
• प्रदेश कार्यकारिणी में भी समस्त वही पद (जैसे- प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष......आदि) एवं पदों की संख्या होगी जिस प्रकार राष्ट्रीय कार्यकारिणी में है।
• प्रदेश संगठन मंत्री को प्रदेश कार्यकारिणी की नियुक्ति करने का अधिकार होगा प्रदेश अध्यक्ष की सहमति से एवं राष्ट्रीय परिषद् के संयोजक/अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख की संयुक्त पूर्वानुमति से अधिसूचना भी जारी करने का अधिकार होगा।
• लेकिन प्रदेश में भी किसी पदाधिकारी/सदस्य को संगठन से निकालने/पदमुक्ति करने के संदर्भ में राष्ट्रीय परिषद् के संयोजक/अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख की संयुक्त पूर्वानुमति लेनी अनिवार्य होगी।
4. प्रादेशिक क्षेत्रीय स्तर -
• पूर्वी प्रादेशिक क्षेत्र
• पश्चिमी प्रादेशिक क्षेत्र
• उत्तरी प्रादेशिक क्षेत्र
• दक्षिणी प्रादेशिक क्षेत्र
पद सूची ~
हर क्षेत्र में केवल 1 ही अध्यक्ष होगा जो उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा और राष्ट्रीय परिषद् के प्रति उत्तरदायी होगा।
5. जिला व महानगर स्तर -
• जिला कार्यकारिणी में भी समस्त वही पद (जैसे- जिला अध्यक्ष, जिला उपाध्यक्ष......आदि) एवं पदों की संख्या होगी जिस प्रकार प्रदेश कार्यकारिणी में है।
• महानगर कार्यकारिणी में केवल 1 महानगर अध्यक्ष होगा और 5 महानगर उपाध्यक्ष होंगे जो सीधे तौर पर राष्ट्रीय परिषद् के प्रति उत्तरदायी होंगे।
• जिला संगठन मंत्री को जिला कार्यकारिणी की नियुक्ति करने का अधिकार होगा जिला अध्यक्ष की सहमति से एवं राष्ट्रीय परिषद् के संयोजक/अध्यक्ष, उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख, प्रदेश अध्यक्ष , प्रदेश संगठन मंत्री और जिला अध्यक्ष की संयुक्त अनुमति से अधिसूचना भी जारी करने का अधिकार होगा।
• लेकिन जिला में भी किसी पदाधिकारी/सदस्य को संगठन से निकालने/पदमुक्ति करने के संदर्भ में राष्ट्रीय परिषद् के संयोजक/अध्यक्ष, उपाध्यक्ष/उप-प्रमुख, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश संगठन मंत्री और जिला अध्यक्ष की संयुक्त पूर्वानुमति लेनी अनिवार्य होगी।
6. तहसील समितियां, मण्डल/स्थानीय समितियां व बूथ समितियां स्तर -
तहसील समितियां, मण्डल/स्थानीय समितियां व बूथ समितियां किस प्रकार से और कैसे बनानी है ये जिला नेतृत्व पर निर्भर है, लेकिन किसी भी संगठनात्मक कार्य को करने के लिए प्रदेश नेतृत्व से लेकर राष्ट्रीय परिषद् नेतृत्व तक की संयुक्त पूर्वानुमति लेनी अनिवार्य है।